Sunday 27 November 2016

स्विस बैंकों में भारतीयों के अकाउंट्स डिटेल हासिल करने का काम तेज, 5 नाम पता लगे(india steps up efforts to trace indians swiss account details)

नई दिल्ली. भारतीयों के विदेशी बैंकों में जमा काले धन का पता लगाने का काम मोदी सरकार ने तेज कर दिया है। हाल के कुछ महीनों में स्विटजरलैंड को 20 रिक्वेस्ट भेजकर सरकार ने कुछ खास भारतीयों के अकाउंट्स की जानकारी मांगी है। नवंबर में अब तक सरकार को 5 नामों की जानकारी मिल चुकी है। इन लोगों पर नजर....
- जानकारी के मुताबिक, भारत ने जिन लोगों की जानकारी मांगी है उनमें तीन लिस्टेड कंपनियां हैं। इसके अलावा एक रियल एस्टेट कंपनी का पूर्व सीईओ, दिल्ली में रहने वाले पूर्व ब्यूरोक्रेट की पत्नी, दुबई में बस चुका इन्वेस्टमेंट बैंकर, एक भगोड़ा कारोबारी-उसकी पत्नी और यूएई की कंपनी शामिल हैं। 

- कुछ गुजराती बिजनेसमैन भी इसी लिस्ट में शामिल हैं जो अब विदेश में रह रहे हैं और ट्रेडिंग से जुड़े हैं। 
- शक है कि इन लोगों ने पनामा और ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स में कंपनियां लिस्टेड कराईं और फिर स्विस बैंकों में अकाउंट्स ओपन किए। 

एक्सचेंज की जाएंगी इन्फॉर्मेशन
- भारत ने स्विटजरलैंड से ‘एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंस’ की रिक्वेस्ट की है। इसमें अकाउंट होल्डर के बारे में इन्फॉर्मेशन मांगी जाती है। स्विस रूल्स के मुताबिक, अकाउंट होल्डर से इस बारे में पूछताछ की जाती है। अगर उसके जवाब सही नहीं होते तो इसकी जानकारी संबंधित देश को दे दी जाती है। 
- पिछले हफ्ते ही भारत और स्विटजरलैंड ने एक करार पर दस्तखत किए हैं। इससे दोनों देश सितंबर 2018 के बाद सभी अकाउंट की इन्फॉर्मेशन शेयर की जा सकेगी। 
- बता दें कि पहले भी स्विटजरलैंड भारत को कुछ लोगों की जानकारी दे चुका है। इन सूचनाओं पर टैक्स डिपार्टमेंट और ईडी ने कार्रवाई भी की है। 
- नवंबर में अब तक पांच अकाउंट होल्डर की जानकारी भारत को मिल चुकी है। वहीं, जून से अब तक यह आंकड़ा 20 हो चुका है। 
- बता दें कि स्विटजरलैंड के बैंक लंबे वक्त तक कथित तौर पर ब्लैकमनी छुपाने के सेफ हेवन्स के तौर पर जाने जाते थे। लेकिन दुनिया के कई देशों ने स्विस सरकार पर दबाव डाला। इसके बाद से स्विस सरकार ने कानूनों में ढील दी और अब काफी जानकारी इन बैंकों की सामने आने लगी है।

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