Sunday 4 June 2017

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम मोदी का ऐतिहासिक फैसला, विरोधियों में मचा बवाल


नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को भी हुर्रियत नेता नईम खान से पाकिस्तानी और आतंकी संगठनों से फंडिंग मामले पर पूछताछ की.
दंगा फैलाने की एवज में पाकिस्तान और आतंकी संगठनों से फंडिंग के मामले के खुलासे के बाद एनआईए ने फारूक अहमद दार उर्फ बिट्टा कराटे, जावेद अहमद बाबा उर्फ गाजी से भी पूछताछ करी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब मोदी सरकार एक बार फिर जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंटे के नेता फारुख अहमद दार उर्फ बिट्टा कराटे के खिलाफ केस को फिर से खोलने जा रहा है.

मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलवाएगी
मोदी सरकार ने फैसला लिया है कि “कश्मीरी पंडितों का कसाई” के नाम से कुख्यात बिट्टा कराटे की रिहाई की दुबारा जाँच की जाएगी. मोदी सरकार फारुख अहमद दार उर्फ बिट्टा कराटे के खिलाफ केस को फिर से खोलने जा रही है.

गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि “केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों को न्याय दिलवा कर रहेगी और केस को अब दुबारा खोला जायेगा. हम सुप्रीम कोर्ट में बिट्टा की रिहाई के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार की याचिका दायर करेंगे.”

दरअसल साल 2006 में टाडा कोर्ट के जज ने बिट्टा कराटे को जमानत देते वक़्त कहा था कि इसके खिलाफ आरोप तो बहुत गंभीर हैं जिसके लिए इसे फांसी या उम्र कैद होनी चाहिए. लेकिन सबूतों के आभाव में चलते उसे ज़मानत दी जा रही है.

ऐसे में दस साल बाद ही सही पर किसी सरकार ने कश्मीरी पंडितों के दर्द को सुना तो सही. जिससे मोदी सरकार अब बिट्टा कराटे की रिहाई के खिलाफ वापस उसे जेल भिजवाने के लिए कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएगी.

कश्मीरी पंडितों का कसाई” का कबूल नामा
कुछ वक़्त पहले निजी न्यूज़ चैनल ने एक स्टिंग जारी किया था इस स्टिंग में बिट्टा ने कैमरे के सामने कबूला था कि 90 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद अपने पैर फैला रहा था और कश्मीरी पंडितों को मार मार के भगाया जा रहा था. उस वक़्त उसने 20 कश्मीरी पंडितों की निर्मम तरीके से हत्या करी थी.

1988 में बिट्टा कराटे ने पीओके में जाकर आतंकवादद की ट्रेनिंग ली थी. ट्रेनिंग के दौरान बिट्टा के अंदर जिहाद के नाम पर आतंकवाद का ज़हर घोला गया.
बिट्टा के मनसूबे इतने खतरनाक हो गए कि वह अपने परिवार की हत्या करने के लिए भी तैयार था. इसके बाद 22 जून 1990 को श्रीनगर से बिट्टा को गिरफ्तार कर लिया गया. 16 साल जेल में रहने के बाद सबूतों के आभाव में उसे छोड़ दिया गया.

लेकिन अब स्टिंग में कबूलनामा सामने आने के साथ ही हुर्रियत नेताओं की पाकिस्तानी फंडिंग को लेकर मोदी सरकार पूरे एक्शन में आ गयी है . बिट्टा कराटे समेत बाकी सभी नेताओं को एनआईए की टीम अब दिल्ली लाकर उनसे पूछताछ करेगी.

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