Monday 15 May 2017

14 साल के बच्चे के इस कारनामे को देख न केवल साइंटिस्ट हैरान, बल्कि पाकिस्तान का भी होने वाला है बुरा हाल !


इसमें कोई शक नहीं, कि हमारे भारत देश में हुनर कूट कूट कर भरा है. बस कोई उस हुनर को ढूढ़ने और पहचानने वाला चाहिए.

जी हां भारत में कितने ही ऐसे लोग हैं, जिनके दम पर भारत नाजाने किस मुकाम तक पहुंच सकता है. वैसे आज हम आपको एक ऐसे ही होनहार और प्रतिभाशाली बच्चे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने देश के लिए बहुत बड़ा काम कर दिखाया है.

यहाँ तक कि उसके इस कारनामे ने देश के बड़े बड़े वैज्ञानिकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया. आपको जान कर हैरानी होगी, कि इस बच्चे की वजह से भारत के सैनिको की ताकत भी बढ़ गई.

आपको बता दे कि अहमदाबाद का एक 14 साल का छात्र जिसका नाम हर्षवर्धन सिंह जाला है. वो एक दिन टीवी पर डिस्कवरी साइंस देख रहा था. दरअसल इसमें यह बताया जा रहा था, कि अमेरिकी सैनिक कैसे ईराक में बारूदी सुरंग खोज कर उसे नष्ट कर रहे थे और ठीक उसी समय एक सुरंग में विस्फोट हो गया.

जिसमे कई सैनिक गंभीर रूप से घायल भी हो गए. इसके बाद उस छोटे से बच्चे जाला ने सोचा कि क्या हम कोई ऐसी डिवाइस बना सकते हैं, जो बारूदी सुरंगो को नष्ट करके भारतीय सैनिकों की मदद कर सके. इसके इलावा ऐसी डिवाइस जिससे सैनिकों की जान को कोई खतरा भी न हो?

गौरतलब है, कि हर्षवर्धन को बचपन से ही विज्ञान में काफी रूचि थी. ऐसे में उसके दिमाग में इस बात को लेकर कई तरह के विचार आने लगे.

फिर हर्षवर्धन ने समय न गवाते हुए उसी समय इंटरनेट पर रिसर्च करना शुरू कर दिया. आपको जान कर हैरानी होगी, कि उसने एक ऐसा ड्रोन बनाया जो जमीन से 2 फीट ऊपर उड़कर रेडियो तरंगो को फैलाता है. इसके इलावा आपको ये भी बता दे कि ये तरंगे हवा में फैलकर किसी भी विस्फोटक चीज का पता लगा सकती है.

वही ये ड्रोन लेजर से गुजर कर बारूदी सुरंग को भी नष्ट कर सकता है. ऐसे में हर्षवर्धन की इस रिसर्च में गुजरात सरकार ने भी काफी योगदान दिया.

जी हां दरअसल सरकार ने हर्षवर्धन को इस काम के लिए करीब 3 लाख रूपये दिए. फिर आख़िरकार हर्षवर्धन सिंह झाला ने ड्रोन बना ही दिया. इसके बाद इस ड्रोन को सेना ने भी आजमाया और फिर सेना ने इस ड्रोन को अप्रूव कर दिया.

आपको जान कर बिलकुल आश्चर्य नहीं होगा, कि इस छात्र को गुजरात सरकार ने इसके कमर्शियल उत्पादन के लिए साइंस एंड टेक्नोलाॅजी विभाग की तरफ से 5 करोड़ का एमओयु साइन किया है. जिसके चलते हर्षवर्धन ने एक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बनाई और इसके लिए स्टेट बैंक आॅफ इंडिया ने उसे लोन भी दिया.

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