Saturday 4 March 2017

सुलझ गया बरमूडा ट्राएंगल का रहस्य! इस कारण खो जाते थे प्लेन और जहाज


कई सालों से बरमूडा ट्राएंगल लोगों के लिए मिस्ट्री बना हुआ है। यहां से गुजरने वाले ना जाने कितने ही समुद्री जहाज और प्लेन खो चुके हैं।

इसका कारण कोई नहीं जान पाया। लेकिन अब साइंटिस्ट्स ने काफी रिसर्च के बाद इस बात का दावा किया है कि उन्हें इन सबके पीछे का कारण पता चल चुका है।

मौसम का है इससे गहरा रिश्ता...
साइंटिस्ट्स ने बरमूडा ट्राएंगल के आसपास के मौसम की काफी बारीकी से स्टडी की। इससे उन्हें ऐसी कई बातें पता चली, जिनके आधार पर वो इसकी मिस्ट्री सुलझाने का दावा कर रहे हैं। हजार सालों से ज्यादा हुए, अब तक कोई भी इस जगह से जिंदा लौट कर नहीं आ पाया।

साइंटिस्ट्स की रिसर्च के मुताबिक, इस ट्राएंगल के ऊपर खतरनाक हवाएं चलती हैं। इन हवाओं की गति 170 मील प्रति घंटे रहती है। जब कोई जहाज इस हवा की चपेट में आता है, तो अपना संतुलन खो बैठता है। जिसके कारण उनका एक्सीडेंट हो जाता है। ये हवाएं इसके ऊपर बनने वाले बादलों के कारण चलती हैं।

इस ट्राएंगल के ऊपर 'killer clouds', यानी कि जानलेवा बादल छाए रहते हैं। इन बादलों को जानलेवा इस लिए कहा जाता है क्यूंकि ये काफी घने होते हैं। इनके अंदर कई तूफान भी उठते हैं। जैसे ही इन बादलों के अंदर प्लेन जाता है, बैलेंस खो देता है, जिसकी वजह से ज्यादातर प्लेन्स में विस्फोट हो जाता है।

सेटेलाइट से देखने पर पता चलता है कि इस ट्राएंगल के वेस्टर्न साइड पर छाए बादलों का दायरा 20 से 55 मील तक का होता है। इनसे गुजरना वाकई खतरों भरा काम है।

सेटेलाइट से देखने पर भी इन बादलों की दिशा का अंदाजा लगा पाना काफी मुश्किल है। हवाओं के साथ ये किसी भी दिशा मुड़ सकते हैं। ऐसे में इनसे गुजरते हुए प्लेन को बैलेंस रख पाना वाकई चुनौती भरा काम है।

ट्रायंगल पर मौजूद हैं एयर बम
जी हां, साइंटिस्ट्स का दावा है कि इस आइलैंड पर कई एयर बम हैं। इनकी वजह से यहां की हवाएं काफी तेज गति से चलती है। इस दौरान जो कुछ भी इनकी चपेट में आता है, उसमें विस्फोट हो जाता है।

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