माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा “बहुत सी ऐसी चीजें होती हैं, जो दिखाई नहीं देतीं हैं।
कोई इस चीज़ को नहीं समझ सकता कि मैं किस तरह की गंदगी का सामना कर रहा हूं। जो काम कर रहा है, उसी को पता है कि कितनी गंदगी है। इसके पीछे कई तरह की ताकतें हैं।”
इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि यकीनन इस देश में भ्रष्टाचार है, लेकिन जब देश के प्रधानमंत्री को ऐसा कहना पड़े तो आम आदमी की व्यथा को तो आराम से समझा ही जा सकता है।
ऐसा पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के विषय में नहीं कहा है, इससे पहले हमारे पूर्व स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी स्वीकार किया था कि भ्रष्टाचार के कारण एक रुपये में से सिर्फ बीस पैसे ही उसके असली हकदार को मिल पाते हैं।
इंटरव्यू में मोदी ने आगे बोला कि करप्शन भारत में आरम्भ से ही चर्चा एवं आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है और हाल ही के समय में यह चुनावों का भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन कर उभरा है।
दरअसल, समस्या कोई भी हो उसका हल ढूंढा जा सकता है, किन्तु सबसे बड़ी दिक्कत यह होती है, जब लोग उसे समस्या मानना बंद कर दें और उसे स्वीकार करने लगें।
हमारे देश की सबसे बड़ी चुनौती आज भ्रष्टाचार न होकर लोगों की यह मानसिकता हो गई है कि वे इस को सिस्टम का हिस्सा मानने लगे हैं।
कोई इस चीज़ को नहीं समझ सकता कि मैं किस तरह की गंदगी का सामना कर रहा हूं। जो काम कर रहा है, उसी को पता है कि कितनी गंदगी है। इसके पीछे कई तरह की ताकतें हैं।”
इंटरव्यू में मोदी ने कहा कि यकीनन इस देश में भ्रष्टाचार है, लेकिन जब देश के प्रधानमंत्री को ऐसा कहना पड़े तो आम आदमी की व्यथा को तो आराम से समझा ही जा सकता है।
ऐसा पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के विषय में नहीं कहा है, इससे पहले हमारे पूर्व स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी स्वीकार किया था कि भ्रष्टाचार के कारण एक रुपये में से सिर्फ बीस पैसे ही उसके असली हकदार को मिल पाते हैं।
इंटरव्यू में मोदी ने आगे बोला कि करप्शन भारत में आरम्भ से ही चर्चा एवं आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है और हाल ही के समय में यह चुनावों का भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन कर उभरा है।
दरअसल, समस्या कोई भी हो उसका हल ढूंढा जा सकता है, किन्तु सबसे बड़ी दिक्कत यह होती है, जब लोग उसे समस्या मानना बंद कर दें और उसे स्वीकार करने लगें।
हमारे देश की सबसे बड़ी चुनौती आज भ्रष्टाचार न होकर लोगों की यह मानसिकता हो गई है कि वे इस को सिस्टम का हिस्सा मानने लगे हैं।
No comments:
Post a Comment