Sunday 22 January 2017

इन वेबसाइट्स पर शॉपिंग के लिए नहीं पड़ती पैसों की जरूरत, ऐसे होती है खरीददारी


नई दिल्‍ली। वैसे तो जब हम ऑनलाइन शॉपिंग करने जाते हैं तो हमारे पास दो विकल्‍प होते हैं। पहला- प्रोडक्‍ट की कैश ऑन डिलिवरी कराना, दूसरा- कार्ड के जरिए पेमेंट करना। लेकिन कुछ ऐसी साइट भी हैं जिनपर आपको पैसे की जरूरत नहीं पड़ेगी। जी हां, ये वेबसाइट, बार्टर सिस्‍टम ( वस्तु विनिमय ) के जरिए काम करती हैं। सदियों पहले बार्टर सिस्‍टम के जरिए ही सामान की खरीद बिक्री होती थी। नोटबंदी के दौरान यह सिस्‍टम एक बार फिर चर्चा में आ गया। कैश के किल्‍लत की वजह से अलग- अलग शहरों में लोगों ने इस सिस्‍टम को फॉलो किया। दरअसल, बार्टर सिस्‍टम में पैसे की बजाए यूजड् एंड ओल्‍ड प्रोडक्‍ट को एक्‍सचेंज कर नया प्रोडक्‍ट खरीदा जा सकता है। इस सिस्‍टम के तहत कई ऑनलाइन कंपनियां काम कर रही हैं और प्रोडक्‍ट बार्टर के लिए कस्‍टमर्स को प्‍लेटफॉर्म दे रही हैं। सिस्‍टम की सबसे खास बात यह होती है कि इसमें किसी भी तरह की करंसी की जरूरत नहीं पड़ती है।
बार्टरडैडीडॉटकॉम और लेट्सबार्टरइंडियाडॉटकॉम जैसी ऑनलाइन कंपनियां बार्टर सिस्‍टम के जरिए प्रोडक्‍ट बेच रही हैं। इसके लिए किसी तरह‍ के करंसी की जरूरत नहीं होती है। यूज प्रोडक्‍ट को आप वेबसाइट पर अपलोड कर बेच सकते हैं। इसके बदले आप उसी रेट में कोई न्‍यू प्रोडक्‍ट खरीद सकते हैं।
बार्टर सिस्‍टम के जरिए कंपनियां एक प्‍लेटफॉर्म देती हैं जहां कस्‍टमर्स अपने यूज प्रोडक्‍ट को बदलकर या फिर बेचकर नया प्रोडक्‍ट खरीद सके। खास बात यह है कि जो प्रोडक्‍ट कस्‍टमर बेच रहा है उसके बदले कोई दूसरा प्रोडक्‍ट भी खरीद सकता है। उदाहरण के लिए अगर आप ने मोबाईल फोन बेचा है तो उसके बदले फ्रीज भी ले सकते हैं। इसके लिए यह जरूरी है कि दोनों प्रोडक्‍ट की प्राइस एक समान हो
-प्रोडक्‍ट के एक्‍सचेंज के लिए भारत का पहला नेटवर्किंग साइट बार्टरडैडी है।
-इस पर आप फ्रीज, कूलर, मोबाईल समेत छोटी- बड़ी सभी प्रोडक्‍ट को एक्‍सचेंज करा सकते हैं।
-बार्टर डैडी ने 2015 में अनुमान लगाया था कि कंपनी 2016 तक 15 अरब डॉलर का कारोबार कर सकती है।
ऑनलाइन वेबसाइट लेट्स बार्टर इंडिया की पूजा भायना और साहिल ढिंगरा ने 2015 में शुरुआत की। खास बात यह है कि दोनों स्‍कूल टाइम से ही दोस्‍त थे। साहिल आईपी यूनिवर्सिटी से बीबीए ग्रेजुएट हैं। वह पिता संग रियल स्‍टेट फर्म में काम करते थे। वहीं पूजा सिंगापुर में मैगजीन से प्रोफेशन जर्नी की शुरुआत की।

पूजा और साहिल ने इसकी शुरुआत एक फेसबुक ग्रुप के तौर पर की। ग्रुप बनने के 4 घंटे में 5 हजार से ज्‍यादा मेंबर इससे जुड़ गए। इसके बाद दोनों ने इस आइडिया पर गंभीरता से काम करना शुरू किया। अभी फेसबुक पर 1.7 लाख से ज्‍यादा लोग जुड़ गए हैं । इलेक्‍ट्रोनिक गुड्स, किताबें और सर्विस बार्टर के लिए यह सबसे चर्चित साइट है।
सबसे पहले इससे जुड़ने के लिए इन वेबसाइट्स पर अकाउंट बनाकर लॉगिन करना होगा। लॉगिन के बाद आप अपने प्रोडक्‍ट को पोस्‍ट कर सकते हैं। इसके बाद कंपनी वैसे ऑनलाइन कस्‍टमर की तलाश करेगी जो पोस्‍ट किए गए प्रोडक्‍ट को खरीदना चाहते हैं।
जब किसी एक प्रोडक्‍ट या सर्विस के बदले दूसरी प्रोडक्‍ट या सर्विस का लेन-देन होता है तो इसे बार्टरिंग सिस्‍टम कहते हैं। जैसे एक संतरे लेकर सेब देना। इस प्रोसेस में रुपए - पैसे का इस्तेमाल नही किया जाता है।

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