Friday 6 January 2017

UPI से पेंमेंट करते समय जरुर बरतें ये सावधानी, नहीं होगी कोई परेशानी

नई दिल्ली। यूपीआई से फंड ट्रांसफर करना सिंपल और आसान है। लेकिन छोटी सी गलती आपको परेशानी में भी डाल सकती है। इसलिए यूपीआई से पेमेंट करते समय इन सावधानियों का यूज करके परेशानियों से बच सकते हैं। यूपीआई यूज करते वक्त फोन खो जाने से लेकर दूसरी कई सिचुएशन सामने आ सकती है। ऐसे में आपको बताते हैं कि ऐसी सिचुएशम में क्या करना चाहिए।
अगर खो जाए आपका मोबाइल या सिम कार्ड
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के एमडी और सीईओ ए पी होता ने बताया कि "यूपीआई ऑनलाइन बैंकिंग का बहुतआसान और सिंपल तरीका है। जो कि यूज करने में बेहद सिंपल है, वहीं सेफ भी है"।
यूपीआई आपके मोबाइल नंबर और सिम कार्ड को वैलिडेट करता है। अगर आपका मोबाइल या सिम कार्ड खो जाए तो ऐसे में परेशान होने की जरूरत नहीं है। कोई भी आपके यूपीआई अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा क्योंकि ट्रांजेक्शन करने के लिए यूपीआईपिन की जरूरत होगी। ऐसे में हमेशा यह ध्यान रखे, कि यूपीआई पिन को फोन में सेव नहीं रखे। साथ ही फोन खो जाने पर अपने यूपीआई अकाउंट को बैंक के ब्लॉक कर देना चाहिए।
वर्चुअल आईडीका एग्जिस्ट नहीं होना
आपने जो वर्चुअल आईडी फीड की है वह अगर एग्जिस्ट नहीं करता तो पैसा ट्रांसफर करने पर आपके अकाउंट से पैसा कट जाएगा। हालांकि राहत की बात यह है कि ऐसी सिचुएशन में पैसा 2-3 घंटे में आपके अकाउंट में रिटर्न हो जाता है।
वर्चुअल आईडी गलत भरना
अगर अकाउंट ऐड करते समय अगर बेनिफिशियरी का वर्चुअल आईडी गलत फीड कर दिया है तो घबराने की जरूरत नहीं है। जैसे फंड महेंद्र को भेजना है लेकिन नरेंद्र को भेज दिया है, तो इसके लिए बैंक से संपंर्क करें। रिसीवर से पैसे वापिस करवाने के लिए रिक्वेस्ट करें।
गलत यूपीआई आईडी पर ट्रांसफरकरने पर करें ये काम
बैंक में करें शिकायत
अगर आपने गलत यूपीआई आईडी पर फंड ट्रांसफर कर दिया है तो बैंक से तुरंत संपंर्क करें। बैंक को लिखित में रिक्वेस्ट देनी होगी और उसे यह साबिक करना पड़ेगा कि ये ट्रांजेक्शन गलत आईडी में हुई है इसलिए आप अमाउंट वापस मांग रहे हैं। अगर बैंक ब्रांच के अधिकारी आपकी मदद नहीं कर रहे हैं, तो हायर अथॉरिटी को कंप्लेंट करें।
कानूनी केस
अगर गलत बेनिफिशियरी आपको फंड वापिस करने से मना कर रहा है, तो आप बैंक अकाउंट होल्डर के खिलाफ कानूनी केस दर्ज करा सकते हैं। बैंक ऑटोमेटिकली उसके अकाउंट से फंड रिवर्स भी करा सकता है। आप कानूनी मामला अपने स्तर पर भी दायर कर सकते हैं। कानूनी केस ऐसे मामले सुलझाने का अंतिम ऑप्शन होता है।

बचने के लिए अपनाएं ये तरीके
1. अपना पासवर्ड और एम पिन किसी को भी न बताएं
2. बैंक से अपना ई-मेल और एसएमएस अलर्ट चालू करवाएं
3. वर्चुअल आईडी पर 1 रुपया ट्रांसफर करके ये पुख्ता कर ले कि आपने सही व्यक्ति को ऐड किया है या नहीं। इससे आप बड़ी परेशानी से बच जाएंगे।
अपनी डिटेल शेयर न करें
बैंक कभी भी कस्टमर से पासवर्ड नहीं मांगता। इसलिए किसी से भी अपना एम पिन या पासवर्ड शेयर न करें। अपनी लॉगइन की जानकारी न दें।

अपने सेविंग अकाउंट पर रखें नजर
यूपीआई ट्रांजैक्शन करते समय अकाउंट पर नजर जरूर रखें क्योंकि इसमें फंड सीधे आपके अकाउंट से कटता है। यूपीआई से फंड ट्रांसफर करते समय वेरिफाई करें कि अमाउंट सही है या नहीं। अगर अमाउंट में कोई फर्क दिखे तो तुरंत बैंक को संपंर्क करें।
एंटी वाइरस का करें इस्तेमाल
कोई आपका बैंक अकाउंट और मोबाइल बैंकिंग अकाउंट को हैक न करे इसके लिए लाइसेंस्ड एंटी वाइरस डाउनलोड करके रखें। आप अपने एंटी वाइरस को अपडेट करते रहें, ताकि आपकी कॉन्फिडेंशियल जानकारी सेफ रहें। पाइरेटेड एंटी वाइरस का इस्तेमाल न करें।

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