Monday 16 January 2017

जब भारत के PM ने पाकिस्तान से कहा था, अच्छा चलो ले लो कश्मीर पर .....


आज जो बात हम आपको बताने जा रहे है वो 1990 की है जब मालदीप में सार्क सम्मेलन चल रहा था 21 नवंबर-23 नवंबर के बीच इस सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी भाग लिया था उस समय भारत का प्रतिनिधित्व चंद्रशेखर कर रहे थे बता दें कि चंद्रशेखर पहली बार भारत के प्रधानमंत्री चुने गए थे और दूसरी तरफ नवाज शरीफ भी पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे ।

1990 के दशक में कश्मीर की स्थिति बहुत दयनीय थी तब कश्मीर पूरी तरह से आतंकवाद की आग में जल रहा था और लाखो कश्मीरी पंडितो को यहाँ से निकाल दिया गया था यहाँ तक गृहमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की बेटी को भी आतंकवादियों ने अगवा कर लिया था ।

बता दें कि चंद्रशेखर को केवल 4 महीने ही प्रधानमंत्री के पद पर बैठना पड़ा क्यूंकि आम चुनावो के समय राजीव गाँधी के देहांत के बाद उन्हें और काम चलाना पड़ा . जिस समय चंद्रशेखर प्रधानमंत्री के पद पर विराजमान थे तो इसी बीच वे सार्क सम्मेलन में माले गए वहां पर उनकी भेंट पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से हुई और उस समय भी एक मजेदार किस्सा ठीक वैसा ही हुआ जैसा पाक आज भी करता है .

दरअसल हुआ यूँ था कि सार्क सम्मेलन में नवाज शरीफ और चंद्रशेखर के बीच कश्मीर को लेकर थोड़ी-बहुत बातचीत चली . अब नवाज शरीफ तो अपनी आदतों से मजबूर है उन्होंने वहां भी कश्मीर को लेकर अपना राग गाना शुरू कर दिया जैसे कि ” कश्मीर तो पाकिस्तान के गले की नस है और कश्मीर के बिना तो पाकिस्तान बिलकुल अधुरा है इसलिए जब तक वे कश्मीर को भारत से छीन नही लेते वे शांत नही बैठेंगे “.

नवाज शरीफ ने जैसे ही अपने मुहं से कश्मीर की बात कही तो चंद्रशेखर भी कहाँ चुप बैठने वाले थे उन्होंने भी जबाब देते हुए क्या खूब कहा था ” कश्मीर, कश्मीर, कश्मीर ! बस आप लोग कश्मीर की रट लगाते रहते हो ” .

आगे चंद्रशेखर ने नवाज से ये भी पूछा ” आप लोगो की बड़ी इच्छा है कि आखिरकार हिन्दुस्तान से भारत को कैसे छीन लिया जाए चूँकि कश्मीर में तो केवल आपके सगे-सम्बन्धी ही रहते है और फिर आपका पाकिस्तान तो कश्मीर के बिना अधुरा है “

अब आगे चंद्रशेखर ने नवाज शरीफ को सबक सिखाने के लिए जो कहा उससे नवाज को मुहं की खानी पड़ी थी क्यूंकि चंद्रशेखर ने कहा था चलिए आपकी बात मानते हुए हम आपको कश्मीर देने के लिए भी तैयार है लेकिन इसके लिए हमारी एक शर्त है और वो है ” आपको हिंदुस्तान में रह रहे 15 करोड़ मुसलमानों को भी पाकिस्तान में लेना होगा अब आपका क्या भरोसा कल के लिए यही कहने लग जाओ हमारा इनके बिना भी मन नही लग रहा ” ।

इसके बाद क्या हुआ नवाज शरीफ की बोलती बंद हो गयी और वे चुपचाप पतली गली से अपने रास्ते निकल लिए और उन्होंने दोबारा कभी भी कश्मीर के मुद्दे पर बात नही की थी . हालंकि अब भी उनकी कश्मीर को लेकर मांग जारी है लेकिन जब उन्हें उस समय कश्मीर नही दिया गया तो अब तो देश के प्रधानमंत्री स्वयं नरेंद्र मोदी जी है जिन्हें नवाज से बेहतर शायद कोई दूसरा जानता होगा ।

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