अपने अध्यक्ष केवी थामस के विचारों को खारिज करते हुए संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) ने शुक्रवार को फैसला किया कि समिति के समक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं बुलाया जाएगा। इससे पहले समिति में भाजपा सदस्यों ने कांग्रेस नेता थामस की उस टिप्पणी पर गहरी आपत्ति व्यक्त की जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री को बुलाया जा सकता है।
यह मुद्दा उस समय सुर्खियों में आ गया था जब समिति में सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों ने इस सप्ताह के शुरू में दिए गए थामस के उस बयान पर गहरी आपत्ति जताई थी कि नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया जा सकता है।
वित्तीय समितियों और प्रधानमंत्री या मंत्रियों को बुलाने से जुड़े विषय से संबंधित नियमों पर स्पीकर के निर्देशों का जिक्र करते हुए समिति ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि मंत्रियों को समिति के समक्ष लेखा से जुड़े अनुमानों की जांच-परख करने के सिलसिले में साक्ष्य देने या विचार-विमर्श करने के लिए नहीं बुलाया जा सकता। समिति ने कहा कि हालांकि अध्यक्ष जब जरूरी समझे और चर्चा पूरी हो जाने पर मंत्री के साथ अनौपचारिक संवाद कर सकते हैं।
यह मुद्दा उस समय सुर्खियों में आ गया था जब समिति में सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों ने इस सप्ताह के शुरू में दिए गए थामस के उस बयान पर गहरी आपत्ति जताई थी कि नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया जा सकता है।
वित्तीय समितियों और प्रधानमंत्री या मंत्रियों को बुलाने से जुड़े विषय से संबंधित नियमों पर स्पीकर के निर्देशों का जिक्र करते हुए समिति ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि मंत्रियों को समिति के समक्ष लेखा से जुड़े अनुमानों की जांच-परख करने के सिलसिले में साक्ष्य देने या विचार-विमर्श करने के लिए नहीं बुलाया जा सकता। समिति ने कहा कि हालांकि अध्यक्ष जब जरूरी समझे और चर्चा पूरी हो जाने पर मंत्री के साथ अनौपचारिक संवाद कर सकते हैं।
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