नई दिल्ली। आप क्रेडिट कार्ड यूज करते हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि क्रेडिट कार्ड यूजर के तौर पर आपके पास किस तरह के राइट्स हैं। जरूरत पड़ने पर आप इन राइट्स का यूज कर सकते हैं। उपभोक्ता के अधिकार के तौर पर सरकार और रिजर्व बैंक आपके हितों की रक्षा करने के लिए ये राइट्स देते हैं। ऐसे में आज आपको हम बता रहे हैं, कि क्रेडिट कार्ड होल्डर के रूप में आपके पास क्या राइट्स हैं और इनका यूज आपको कैसे करना चाहिए।
पंजाब एंड सिंध बैंक के पूर्व सीजीएम जीएस बिंद्रा ने बताया कि क्रेडिट कार्ड धारक को तीन तरह के राइट्स मिलते हैं। एक तो वह जो उसे बैंक के तरफ से हुई चूक की वजह से मिलते हैं। दूसरा यह है कि अगर बैंकिंग ट्रांजैक्शन में किसी थर्ड पार्टी की वजह से फ्रॉड हुआ है। तीसरा कस्टमर की अनदेखी से प्रॉब्लम हुई है।
आपके साथ क्रेडिट कार्ड यूज करते समय जिस तरह का फ्रॉड और मिसयूज हुआ है, उसकी सबसे पहली जानकारी आपको अपने बैंक को देनी चाहिए। ये जानकारी आप बैंक को टोल फ्री नंबर, आईवीआर नंबर, ई-मेल आदि के जरिए दे सकते हैं।
हो सकता है कि कोई फ्रॉड के जरिए आपके क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग या पेमेंट कर दे। ऐसी सिचुएशन में आप बैंक को जितनी जल्दी हो सके इन्फॉर्म करें और अपना कार्ड ब्लॉक कराएं । अगर आप बैंक द्वारा तय समय में क्रेडिट कार्ड से अवैध ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी नहीं देते हैं तो बैंक यह मानेगा कि आपने यह ट्रांजेक्शन स्वीकार कर लिया है और बैंक आपको इसकी हुए नुकसान की भरपाई नहीं करेगा।
बैंक आपकी शिकायत के बाद आपके कार्ड को ब्लॉक कर देगा और आपके कार्ड से अवैध ट्रांजैक्शन की अपने स्तर पर जांच पड़ताल करेगा। अगर बैंक को लगता है कि आपके कार्ड से अवैध तरीके से ट्रांजैक्शन किया गया है तो वह यह अमाउंट आपके अकाउंट में वापस डाल देगा। अगर बैंक आपके साथ धोखाधड़ी की बात को स्वीकार नहीं करता है तो उसे यह साबित करना होगा कि यह आपकी गलती की वजह से हुआ है या आपकी वजह से कार्ड की ऐसी डिटेल चोरी हो गई है जो गोपनीय होती है।
अगर आपको क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक के सिक्युरिटी सिस्टम में कमी के कारण आपके क्रेडिट कार्ड से अवैध ट्रांजैक्श्न होता है तो बैंक आपको हुए नुकसान की पूरी भरपाई करेगा।
सायबर सिक्योरिटी मामलों के एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि अगर आप आईटी एक्ट के तहत अवैध ट्रांजैक्शन से हुए 5 करोड़ रुपए तक के नुकसान की भरपाई के लिए मांग कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि अवैध ट्रांजैक्शन में आपकी कोई गलती न हो।
अगर बैंक आपकी शिकायत को रिजेक्ट कर देता है या आप बैंक के जवाब से संतुष्ट नहीं है तो आप बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत कर सकते हैं। अगर आपकी शिकायत का समाधान बैंकिंग लोकपाल के यहां भी नहीं होता है या आप उसके आदेश से संतुष्ट नहीं है तो आदेश के 30 दिन के अंदर रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के पास अपील कर सकते हैं।
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