Thursday 9 February 2017

आपका मोबाइल नंबर हो सकता है बंद, जानें सरकार की क्या है तैयारी


नई दिल्‍ली देश में जल्द ही प्रीपेड मोबाइल नंबरों का वेरिफिकेशन शुरू होगा। कंज्यूमर के सही पाए जाने पर ही नंबर जारी रखने दिया जाएगा। सिम कार्ड का मिसयूज रोकने के लिए जल्द ही केंद्र सरकार इसे लेकर पॉलिसी बना सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को इस बारे में निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि इस काम को एक साल में पूरा किया जाए। असल में फेक आई कार्ड के जरिए मोबाइल नंबर लेना और उससे फ्रॉड करने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मोबाइल फोन से बैंकिंग भी होने लगा है तो फ्रॉड का डर और बढ़ गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह एक साल में ऐसे नियम बनाए, जिससे सिम कार्ड का गलत इस्‍तेमाल न हो सके। कोर्ट ने केंद्र को यह भी निर्देश दिया कि वह ऐसा सिस्टम बनाए, जिसमें प्री-पेड सिम लेने वाला हर शख्स रिचार्ज के वक्त एक फॉर्म भरकर जमा कराए। कोर्ट ने कहा कि इसे फेज में लागू किया जा सकता है या सब्‍सक्राइबर्स को वेरिफिकेशन के लिए 6 महीने का वक्त दिया जा सकता है। अगर सब्‍सक्राइबर्स वेरिफिकेशन न कराएं, तो उनकी रिचार्ज फैसिलिटी रोक देनी चाहिए।

कैसे होगी पुराने यूजर्स की जांच
रिचार्ज के समय कस्टमर्स को एक ई-केवाईसी फॉर्म भरने को दिया जाएगा। कंज्यूमर की पहचान के लिए आधार नंबर या दूसरे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाएगा। एक बार फॉर्म मिलने के बाद अगले 2-3 रिचार्ज तक उसे भरकर देना होगा। देश में इस समय 111 करोड़ से ज्यादा लोगों का आधार बन चुका है। इसे देखते हुए ट्राई ने डिपॉर्टमेंट ऑफ टेलिकॉम को कहा था कि वह आधार बेस्ड ई-केवाईसी कराएं। जैसा कि कई टेलिकॉम कंपनियां नए यूजर्स के लिए कर रही हैं।

नए कंज्यूमर्स पर भी लागू
ई-केवाईसी को नए कस्टमर्स के लिए भी अनिवार्य किया जा रहा है। सरकार चाहती है कि सिर्फ आधार नंबर में दर्ज बायोमीट्रिक पहचान से ही नए नंबर दिए जाएं। देश में 110 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड होने की वजह से ऐसा करने में दिक्कत नहीं होगी। फ़िलहाल मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड के जरिए भी कस्टमर अपनी पहचान बता सकेंगे।

ऐप से होने वाले रिचार्ज पर भी लागू
पेटीएम, फ्रीचार्ज, मोबिक्विक जैसे ऐप से होने वाले रिचार्ज पर भी यह व्यवस्था लागू होगी। सरकार ने खुद ही 1 साल में सभी प्रीपेड मोबाइल नंबर वेरीफाई करने की बात कही है। ऐसे में ऐप से रिचार्ज करने वाले लोगों को भी ई-केवाईसी जरूरी होगा।

ट्राई की ये है सिफारिश
पिछले दिनों डिपॉर्टमेंट ऑफ टेलिकॉम को लिखे लेटर में ट्राई ने कहा था कि नए सिम कार्ड को इश्यू करने के लिए ई-केवाईसी सिस्टम को लागू कर दिया गया है। लेकिन देश में पुराने मोबाइल यूजर्स के ज्यादातर फिजिकल केवाईसी की गई है। इसकी वजह से काई मामले में लोगों की आईडी का मिसयूज हो रहा है। इसे देखते हुए पुराने यूजर्स के लिए भी ई-केवाईसी कराने की जरूरत है। इस समय देश भर में 110 करोड़ से ज्यादा टेलिफोन सब्सक्राइबर्स हैं।

मिल सकता है फ्री डाटा और टॉक टाइम
ट्राई ने यह भी कहा कि यूजर्स को अपने मोबाइल नंबर का वेरिफिकेशन कराने पर कंपनियां फ्री डाटा और फ्री टॉक टाइम का भी ऑफर दे सकती हैं। जिससे यूजर खुद ही ई-वैरिफिकेशन के लिए आगे आए।

आउटस्टेशन यूजर्स को भी फायदा
ट्राई के अनुसार ऐसे यूजर जिनका आधार दूसरी जगह का है। यानी जहां वह रहते हैं, आधार उस एड्रेस को वैरिफाई नहीं करता है। उनके लिए भी ई-वेरिफिकेशन का प्रोसेस मान्य किया जाय। जिससे कि उनका भी वैरिफिकेशन कराना आसान हो।

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