Wednesday 8 February 2017

जानिए कैसे एक बार फिर मोदी ने सबकी बोलती कर दी बंद




नई दिल्‍ली. राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर बहस के दौरान मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने आम बजट को समय से पहले करने और रेल बजट को खत्‍म करने का राज खोला। इस दौरान मोदी ने नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया और कहा कि इकोनॉमी मजबूत स्‍थि‍ति‍ में थी इसलि‍ए नोटबंदी का फैसला कि‍या। मजबूत इकोनॉमी ही नोटबंदी के झटके को झेल सकती थी। हमने पूरी तैयारी के साथ यह नि‍र्णय कि‍या।

आमतौर पर आम बजट फरवरी के अंतिम कार्य दिवस को पेश किया जाता था। लेकिन, मोदी सरकार ने इस साल से बजट की तारीख 1 फरवरी कर दी। साथ 92 साल से चली आ रही रेल बजट को पेश करने की परंपरा को भी खत्‍म कर दिया और इसका आम बजट में मर्जर कर दिया।

अगली स्‍लाइड में... तो मोदी ने इसलिए बदली बजट की तारीख
लोकसभा में मोदी ने बताया कि भारत एक कृषिप्रधान देश है। 1 जून के बाद देश में बारिश हो जाती है, जबकि फरवरी के आखिर में पेश किया जाता था। ऐसे में खेती के नजरिए से तीन महीने में बजट का इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाता था।
पीएम ने कहा कि क्या कारण था कि आजादी के कई सालों तक बजट शाम को पांच बजे आता था? किसी ने क्यों नहीं सोचा? बस चल रहा है तो चल रहा है। यूके की संसद चलती थी, उसी के लिहाज से हिंदुस्तान में बजट आता था। मोदी ने घड़ी दिखाकर बताया कि बहुत कम लोगों को पता है कि हम घड़ी ऐसे पकड़ते हैं तो इंडियन टाइम है और घड़ी को ऐसे पकड़ते हैं तो लंदन टाइम है।

रेल बजट खत्‍म करना सही फैसला
पीएम मोदी ने रेल बजट को खत्म करने के फैसले को भी सही ठहराया। उन्होंने कहा कि पहले रेलवे विभिन्न इलाकों को खुश करने के लिए पेश किया जाता था। सांसदों और मंत्रियों के भी रेल बजट से अलग-अलग उम्मीदें होती थीं।
रेल बजट में उनकी उम्मीदें पूरी कर रेलवे का नुकसान किया जाता रहा। मोदी ने कहा कि हमने देखा कि रेल बजट में 1,500 घोषणाएं की गईं और ज्यादातर ने कागजों पर ही मुक्ति पा ली।
रेलवे के स्वास्थ्य के लिए उसके बजट को राजनीति का शिकार होने से बचाना जरूरी था। पहले की सरकारें लोगों को नाखुश करने की हिम्मत नहीं दिखा पाईं, लेकिन हमें ऐसा करना था और हमने किया।

नोटबंदी से बड़ा बदलाव आया
पीएम मोदी ने कहा कि 'नोटबंदी से बड़ा बदलाव आया है, पहले सिर्फ घोटालों का ही नाम आता था। इकोनॉमी मजबूत थी। इसलि‍ए नोटबंदी का फैसला कि‍या। कमजोर इकोनॉमी के समय यह फैसला कि‍या जाता तो परेशानी होती। 'पूरी प्‍लानिंग के साथ नोटबंदी को लागू कि‍या। हमें पता था कि‍ इकोनॉमी ऐसे झटके झेल लेगी।

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