Saturday 18 February 2017

नोटबंदीः इस सवाल को छुपा गया आरबीआई


नोटबंदी पर दायर की गई एक आरटीआई याचिका का जवाब देते हुए खुद आरबीआई सवालों के घेरे में आ गया है। आरबीआई ने नए नोटों की छपाई पर पूछे गए सवालों का जो उत्तर दिया है, उसे जानकर के आप भी ताज्जुब में पड़ जाएंगे।

आखिर पटेल के नए नोट पर साइन कैसे आए?
आरबीआई ने नए 2000 के नोट की छपाई की जो तारीख बताई है, उस पर पुराने गवर्नर रघुराम राजन के दस्तखत न होना संशय पैदा करता है। क्योंकि आरबीआई के हिसाब से जब 2000 के नए नोट की छपाई शुरू हुई थी तब उर्जित पटेल आरबीई के गवर्नर पद पर नहीं थे।

हालांकि नए नोट में साइन इन्हीं के हैं। आरबीआई के नियम के हिसाब से नोट पर मौजूदा गवर्नर के हस्ताक्षर होने चाहिए। ऐसे में नए नोट पर हस्ताक्षर रघुराम राजन के होने चाहिए थे।

आरटीआई एक्टिविस्ट सतपाल गोयल ने 13 दिसंबर 2016 को दायर की गई आरटीआई में पूछा था कि रिजर्व बैंक ने 2000 तथा 500 के नए नोटों की छपाई का कार्य कब से शुरू किया था।

गोयल के आवेदन पर आरबीआई के केंद्रीय जनसूचना अधिकारी ने 12 जनवरी 2017 को जवाब देने के लिए ट्रांसफर कर दिया था। रिजर्व बैंक द्वारा जवाब में बताया गया कि 2000 रुपए के नए नोट की छपाई का कार्य बीआरबीएनएमपीएल में 22 अगस्त 2016 को शुरू हुआ था, जबकि 500 रुपए के नए नोट की छपाई का पहला चरण बीआरबीएनएमपीएल में 23 नवंबर 2016 को शुरू हुआ था।

गोयल ने कहा कि अगर 2000 के नए नोट की छपाई का कार्य 22 अगस्त को शुरू हुआ था तो फिर उस पर नए गवर्नर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर कैसे आ गए? उन्होंने कहा कि उर्जित पटेल ने तो गवर्नर के तौर पर अपना चार्ज 6 सितम्बर 2016 को संभाला था।

चार्ज संभालने से पहले गवर्नर के हस्ताक्षर नए नोटों पर नहीं आ सकते। अगस्त मध्य में तो गवर्नर का पदभार रघुराजन के हाथों में था। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को देशभर में नोटबंदी को लागू करते हुए 500 व 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद कर दिया था।

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