बैंक शाखाओं में शून्य बैलेंस पर खुले खातों में नोटबंदी के बाद बरसी लक्ष्मी की निकासी को सीज कर दिया गया है। आयकर विभाग ने खातों में अचानक जमा हुई मोटी राशि की जांच भी शुरू कर दी है। इससे दो नम्बर का रुपया जमा करने वाले लोगों की नींद उडी़ है। वहीं खून-पसीने की कमाई को खातों में जमा कराने वाले लोग जरूरत के समय रुपए निकालने के लिए यहां-वहां चक्कर काट रहे हैं।
मासिक सीमा तय
इन खातों का दुरुपयोग रोकने को निकासी की मासिक सीमा 30 नवंबर से 10,000 रुपये तय की गई। जनधन खातों में जमा की अधिकतम सीमा 50,000 है। 9 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने के दौरान देश के कुल 25.5 करोड़ जनधन खातों में 45,636.61 करोड़ की राशि जमा थी।
इन पर भी नजर
गंगापुरसिटी कचहरी रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के प्रबंधक रामेश्वर मीणा ने बताया कि पैन कार्ड से नहीं जुड़े जनधन व सामान्य खातों को भी सीज किया गया है। वहीं पांच लाख रुपए से अधिक बैलेंस वाले सामान्य खातों को निगरानी के दायरे में लिया है। सीज होने के बाद खातों से लेन-देन मुश्किल हो गया है।
3 लाख खाते हुए प्रभावित
लीड बैंक कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार जिले की विभिन्न बैंक शाखाओं से कुल 3 लाख शून्य बैलेंस पर खुले खातों को सीज किया गया है। इनकी सूचना आयकर विभाग व भारत सरकार के वित्त मंत्रालय को उपलब्ध करा दी गई।
इन बैंक खातों में नोटबंदी के दौरान ढाई लाख से अधिक राशि जमा करने वाले लोगों को आयकर विभाग ने नोटिस जारी किए है। नोटिस के जरिए से बैंक खाता धारकों से इतनी बड़ी नकदी आने के स्रोत की जानकारी ली जा रही है।
ईमानदारी की भी रकम जमा हुई
नोटबंदी से पूर्व और नोटबंदी के बाद कई बैंक ग्राहकों खासकर जनधन खाता धारी ग्राहकों के बैंक में ईमानदारी की भी रकम जमा हुई। कई लोगों की शादी करने के लिए घर में रखी रकम को जमा किया था। कई लोगों ने मकान, जमीन खरीद करने के लिए जो रकम अपने पास रखी थी।
उस रकम को जनधन खाते में जमा की थी लेकिन दो नंबर की रकम जमा कराने वालों के चक्कर में इन एक नंबर की रकम जमा कराने वाले ग्राहक भी परेशान हो रहे हैं। इस चक्कर में ही अधिकांश लोगों की रकम फंस गई है।
5 हजार ही निकाल रहे
बैंक प्रबंधन को शासन से आदेश आया है कि जिसके तहत जनधन खातों में जमा हुई रकम को निकालने नहीं दिया जाएगा। खासकर एक साथ रकम निकालने पर प्रतिबंध लगाया गया है। हफ्ते में एक बार में 5 हजार रुपए ही निकालने की छूट दी गई है। इसके अलावा विशेष अनुमति से 10 हजार रुपए निकाले जा सकते हैं।
राशि ही नहीं थी जमा
बैंक के अनुसार कई खाताधारकों के खाते में जनधान खाता खुलने के बाद कोई रकम ही जमा नहीं हुई थी। खाता खुलाने के बाद एक तरह से ग्राहकों ने खाते को ही भुला दिया था, लेकिन नोटबंदी के बाद इन लंबे समय से बंद पड़े खातों में यकायक लाखों की रकम जमा हुई है। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1000 के पुराने नोट का प्रचलन बंद कर दिया था। इसके बाद जिनके पास भी 500 व 1000 के पुराने नोट थे। उन्हें अपनी रकम खातों में जमा कराने या एक्सचेंज कराने की सलाह दी गई थी। इसके बाद बैंकों में रकम जमा करने के लिए लंबी लाइन लगी थीं।
वित्त मंत्रालय के आदेश पर जनधन खाते सीज किए गए हैं। इनकी जांच की जा रही है। खाता धारकों को परेशानी न हो इसलिए इन खातों से 10 हजार की अधिकतम निकासी तय की गई है।
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