Tuesday 7 February 2017

10 साल पुरानी गलती भी पड़ सकती है महंगी, अगर सरकार को मिला ये सबूत


नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार आपके पिछले 10 साल की इनकम और टैक्‍स पेमेंट के बारे में पूछताछ कर सकती है अगर सर्च में 50 लाख रुपए से अधिक की अघोषित डिपॉजिट या असेट का पता चलता है। यानी पैसे को लेकर पिछले 10 सालों में गई गलतियों की आपको भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

दिखाई है कम इनकम
अगर आपने पिछले 10 सालों के दौरान इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल किया है और किसी भी साल या लगातार  कम इनकम दिखाई है तो आप इनकम टैक्‍स विभाग की स्‍क्रूटनी में फंस सकते हैं। ऐसे में विभाग कम इनकम डिक्‍लेयर करने के मामले में आपके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

नहीं चुकाया है टैक्‍स
अगर आपकी इनकम टैक्‍स के दायरे में है और आपने अपनी इनकम पर उचित टैक्‍स नहीं दिया है तो भी आप पिछले 10 साल की स्‍क्रू्टनी  में फंस सकते हैं। ऐसे में इनकम टैक्‍स विभाग टैक्‍स चोरी के मामले में आपके खिलाफ कदम उठाएगा।

सरकार ने स्‍क्रू्टनी के नियम में किया है बदलाव
बुधवार को पेश किए बजट 2017-18 में वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने स्‍क्रूटनी पीरिएड बढ़ा कर 10 साल करन का प्रस्‍ताव किया है। अब तक सरकार अधिकतम पिछले छह साल तक के इनकम टैक्‍स की स्‍क्रुटनी ही कर सकती थी। नियमों में बदलाव के बाद इनकम टैक्‍स विभाग पिछले 10 साल तक के इनकम टैकस रिटर्न की स्‍क्रूटनी कर सकेगा।

सीबीडीटी चेयरमैन का यह है कहना
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्‍ट टैक्‍सेज के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने बजट के बाद एक सेमिनार में कहा है कि अगर हमें सर्च में 50 लाख रुपए से अधिक की असेट या इनकम मिलती है जिसे डिक्‍लेयर नहीं किया गया है और यह चार पुरानी है तो हम पिछले 10 साल की इनकम के बारे में छानबीन कर सकते हैं।
1 अप्रैल, 2017 से लागू होगा नया नियम
इनकम टैक्‍स एक्‍ट में संशोधन 1 अप्रैल, 2017 से लागू होगा। इसका मतलब है कि इनकम टैक्‍स विभाग 2007 तक की किसी की इनकम टैक्‍स रिटर्न को नए सिरे से खोल सकता है और उसकी छानबीन कर सकता है।

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